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सरवा मुखिया के निलंबन को लेकर अमर बाउरी ने राज्यपाल से की न्यायोचित कार्रवाई की मांग

 

मांडर : मांडर विधानसभा के सरवा पंचायत की मुखिया प्रभा किस्फोट्टा को निलंबित कर पदच्युत करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में मुखिया संघ का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को राज्यपाल से मिला। उनसे सरवा पंचायत की मुखिया के निलंबन को लेकर न्यायोचित करवाई करने की मांग भी की।

मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से आदिवासी विरोधी सरकार है। मुखिया के पद पर एक आदिवासी महिला है लेकिन यह दमनकारी सरकार सत्ता के नशे में चूर किसी भी असंवैधानिक कार्य करने से नहीं चूक रही। एक मुखिया जो यहां के स्थानीय विधायक की बात नहीं सुन रही, उनके आगे पीछे नहीं घूम रही तो इसका बदला उन्हें निलंबित कर ले रहे। जबकि मुखिया खुद एक जनप्रतिनिधि है और उनपर किसी प्रकार का वित्तीय अनियमितता का आरोप नहीं है। साथ ही झारखंड में बिना कारण के किसी जनप्रतिनिधि को निलंबित करने का कोई भी प्रावधान नहीं है, ना ही यहां कोई नियमावली है।

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि राज्यपाल ने इस मामले को गंभीरता पूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और जिला अधिकारी से मामले की जानकारी लेंगे। इस मामले पर न्यायोचित कारवाई करेंगे।

वहीं प्रभा किस्फोट्टा ने बताया बताया कि उन्हें साजिश के तहत बिना किसी कारण के झूठे आरोप लगाकर मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की एवं उनके पिता पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने सरकार में दबाव बनाकर निलंबित करवा दिया जबकि उनके पंचायत में कई वर्षों से किसी प्रकार का कोई भी विकास कार्य नहीं किया जा रहा। ऐसे में जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई तो साजिश के तहत विधायक और पूर्व विधायक ने साजिश कर उन्हें निलंबित करवा दिया।

प्रभा किस्फोट्टा ने बताया कि ग्राम पंचायत सरवा के अन्तर्गत ग्राम पचपदा में सरना स्थल का कल्याण विभाग से सौंदर्याकरण का कार्य स्वीकृत हुआ था। इसका शिलान्यास का कार्यक्रम 04.09.2023 को निर्धारित था जिसमें मुख्य अतिथि सासंद सुदर्शन भगत को बुलाया गया था. उनके द्वारा विधिवत रूप से शिलान्यास का कार्यक्रम किया गया। इस बात से खफा हो कर स्थानीय विधायक शिल्पी नेहा तिर्की और उनके पिता बंधु तिर्की ने उन्हें गंदी गालियां दीं और पद से हटाने की धमकी दी। 04.07.24 को उपायुक्त कार्यालय से स्पष्टीकरण हेतु चिट्ठी निकाला गया जिसमें 15 दिनो के अन्दर मुझे अपना पक्ष रखने का समय दिया गया लेकिन विधायक के दबाव में आकर उपायुक्त ने 5 दिनो के अंदर पुनः 09.07.24 को ही निलंबित कर दिया।

प्रतिनिधिमंडल में अमर कुमार बाउरी, सन्नी टोप्पो, बीरेंद्र उरांव, प्रभा किस्फोट्टा, संतोष किस्फोट्टा, और गोपाल उरांव मुख्य रूप से शामिल थे।

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