Ranchi: आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष व गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड के हजारों विस्थापित परिवार के हितों की रक्षा को लेकर आवाज उठाई है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड विस्थापन आयोग का एक माह के अंदर गठन करने की मांग की है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत कराया है कि झारखंड राज्य में वर्षों से कोयला खनन परियोजना से प्रभावित पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार के तत्कालीन कोयला मंत्री के अलावा कोयला सचिव एवं कोल इंडिया के चेयरमैन को लिखित ज्ञापन सौंपकर व कई बार इन लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर कोयला क्षेत्र (अधिग्रहण व विकास) अधिनियम 1957 की धारा 14(2) के तहत अभिकरण (ट्रिब्यूनल )की स्थापना करने की मांग की, जो मौजूदा समय में कैबिनेट के पास विचाराधीन है।
साथ ही तत्काल राहत के लिए राज्य के 7 जिलों में अल्पकालीन जिला स्तर अभिकरण (ट्रिब्यूनल )की स्थापना का आदेश कोयला मंत्रालय द्वारा 15 मार्च को दिया गया है। इससे जिला स्तर पर कोयला खनन परियोजना से प्रभावित परिवारों को न्याय मिलने का रास्ता प्रशस्त हुआ है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बात से भी अवगत कराया कि वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा कोल ब्लाक के नीलामी आवंटन की प्रक्रिया में केंद्र सरकार के उपक्रम कंपनियों तथा निजी कंपनियों को कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ है जिसमें स्थानीय ग्रामीणों की वर्षों से कब्जे वाली भू-भाग का अधिग्रहण बड़े पैमाने पर हो रहा है।
इससे राज्य में गैर मजरूआ व अन्य भूमि पर कृषकों को वर्षों से दाखिल खारिज होने पर भी राजस्व का भू- रिकॉर्ड के अभिलेख में दर्ज जमीन के किस्म से कृषकों को मुआवजा मिलने में कानूनी अड़चन है क्योंकि गैर मजरूआ भू-भाग खास के संबंध में राज्य में अब तक स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है। इस कारण भूमि संबंधित कानूनी पहलुओं एवं राज्य में पुनर्स्थापना नीति का कार्यान्वयन नहीं होने के कारण विस्थापितों की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से एक माह में इस समस्या के समाधान की मांग की है। उन्होंने हाल के दिनों में कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला खनन परियोजना से प्रभावित परिवारों को राहत व न्याय देने को लेकर जारी आदेशों का विस्तार पूर्वक उल्लेख अपने पत्र में किया है।