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राष्ट्रीय लोक अदालत

 

रांची : झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायामूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय, रांची में राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

 

उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मुख्य न्यायाधीश, झारखण्ड उच्च न्यायालय-सह-संरक्षक, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची श्री विद्युत् रंजन षाड़ंगी न्यायाधीश झारखण्ड उच्च न्यायालय-सह-कार्यपालक अध्यक्ष, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची , सुजित नारायण, माननीय न्यायाधीश, श्री संजय कुमार द्विवेदी, माननीय रजिस्ट्रार जनरल, मो. शाकिर, झारखण्ड उच्च न्यायालय रांची, न्यायायुक्त, रांची श्री दिवाकर पांडेय, सदस्य सचिव, झालसा, कुमारी रंजना अस्थाना, उपायुक्त रांची, श्री राहुल कुमार सिन्हा, सीटी एसपी, रांची श्री राजकुमार मेहता, एसिस्टेंट रजिस्ट्रार प्रोटोकोल, मो. फहीम किरमाणीं, अध्यक्ष, रांची जिला बार एसोसिएशन, रांची श्री शम्भू प्रसाद अग्रवाल, सचिव, श्री संजय कुमार विद्रोही, न्यायिक पदाधिकारीगण, न्यायिक कर्मचारी, मध्यस्थ, अधिवक्ता, पीएलवी व अन्य उपस्थित थे।

स्वागत भाषण एवं मंच का संचालन सुश्री एकता सक्सेना एवं श्रीमति परिधि शर्मा न्यायिक दंडाधिकारी ने किया।

राष्ट्रीय लोक अदालत का निरीक्षण करने रांची सिविल कोर्ट पहुंचे झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विद्युत रंजन षाड़ंगी ने जय जगन्नाथ के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि रांची सिविल कोर्ट में आकर काफी अच्छा लगा।

 

झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष और रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त ने राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए काफी मेहनत की। बार का इतना स्नेह मिला अभिभूत हूं। बार और बेंच परिवार एक ही परिवार है।

 

मैंने वकालत से न्यायिक जीवन की शुरुआत की थी, रिटायर होने के बाद वापस वकालत करूंगा। लोक अदालत में वादी-प्रतिवादियों को कम समय में न्याय मिलता है। लोगों को समय पर न्याय मिलेगा, तभी न्यायिक व्यवस्था का सही इस्तेमाल माना जाएगा। लोक अदालत में वकीलों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हाथों के पांचों अंगुलियां अलग-अलग कार्य करती है, जब पांचों अंगुलियां मिलकर काम करती हैं, तो काम और भी बेहतर होता है। बेंच और बार मिलकर काम करेंगे, तो काम बेहतर होगा, लोगों को सुलभ न्याय मिलेगा।

वहीं हाईकोर्ट के न्यायाधीश और झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने लोक अदालत को त्वरित और सुलभ न्याय का माध्यम बताया। कार्यक्रम के दौरान लोक अदालत के लाभुकों के बीच सभी न्यायाधीशों ने चेक का वितरण किया। वहीं लोक अदालत के दौरान पारिवारिक विवाद खत्म कर दुबारा एक हुए दो जोड़ों को चीफ जस्टिस ने उपहार देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

माननीय न्यायायुक्त श्री दिवाकर पांडेय ने कहा कि वादों के निस्तारण का सबसे सुलभ माध्यम लोक अदालत है। लोक अदालत के आयोजन से वादों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जाता है। इससे न्यायालय का लंबित मामला कम होता है। वादकारियों को समय और धन का भी बचत होता है।
उपायुक्त, श्री राहुल कुमार सिन्हा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथियों का हृदयतल से आभार व्यक्त किये और सभी मंचासीन पदाधिकारियों को अपने बहुमुल्य समय निकाल कर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।

यह भी ज्ञात हो कि माननीय न्यायायुक्त, रांची के न्यायालय से एक मुकदमा का निस्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया, जिसे जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, रांची के यहां से रेफर किया गया था। मामला सिवरेज ड्रेनेज जोन-1 परियोजना के अंतर्गत मौजा-लेन, थाना नम्बर-162, खाता नम्बर-75 में प्रभावित रैयतों के बीच मुआवजा राशि हेतु विवाद उत्पन्न हो गया था, जिसमें आज दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता हो गया और मुआवजा राशि 10 करोड़ 14 लाख 66 हजार 650 रूपये का सेटलमेंट दोनों पक्षों के बीच हुआ। बेंच नम्बर-6 से उक्त मामला का निस्पादन किया गया।

यह भी ज्ञात हो कि माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री विद्युत रंजन षाड़ंगी आज के लोक अदालत में उपस्थित हुए और बनाये गये बेंचों का अवलोकन किये।

माननीय न्यायामूर्ति ने अपने हाथों से पीड़ितों के बीच मुआवजा राशि का वितरण भी किये। इस अवसर पर माननीय न्यायायुक्त दिवाकर पांडे भी उपस्थित थे। माननीय न्यायायुक्त के हाथों से भी पीड़ितों को मुआवजा राशि दिया गया।

आज के लोक अदालत में 19 पीड़ितों के बीच 50,05,000 रूपये की मुआवजा राशि वितरित की गयी।

न्यायिक दण्डाधिकारियों के लिए 40 बेंच एवं कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 20 बेंच का गठन किया गया था।

आज आयोजित होनेवाले राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 86638 वादों का निष्पादन किया गया एवं 5,30,87,75,272 करोड़ रूपयों की समझौता राशि की वसूली विभिन्न वादों में किया गया, जिसमें प्रीलिटिगेशन एवं लिटिगेशन के वादों का निष्पादन सम्मिलित है।

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