रांची : 12 जुलाई 2024 को रांची विश्वविद्यालय का 65वां स्थापना दिवस मोरहाबादी परिसर स्थित आर्यभट्ट सभागार में धूमधाम से मनाया गया।स्थापना दिवस के इस भव्य आयोजन में मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ थे। साथ ही कांके विधायक समरीलाल भी इस आयोजन में शामिल हुये। माननीय कुलपति रांची विश्वविद्यालय प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने माननीय मंत्री संजय सेठ को शॉल , स्मृति चिन्ह और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
65वें स्थापना दिवस पर कुलपति प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने पिछले एक साल की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि अब हम डिजिटल युग में प्रवेश कर गये हैं और रांची विश्वविद्यालय में हाल के दो वर्षों में सब कुछ डिजिटलाइज्ड कर दिया गया है और अब छात्रों को परीक्षा फार्म भरने, फी देने से लेकर एडमिट कार्ड और रिजल्ट तक ऑनलाइन प्राप्त हो जाते हैं। कई विभागों को पूर्णत: डिजिटलाइज्ड कर िदया गया है। कर्मियों डाटा डिजिअलाइज्ड होने से जल्द ही उनके पेंशन भी खाते में आसानी से ट्रांसफर होने लगेंगे।
कुलपति ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 को झारखंड में रांची विश्वविद्यालय ने ही सबसे पहले लागू किया है। हमने अध्यापन के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा को प्रोत्साहित करने के लिये बहुत ही सफल प्रयास किये हैं।उन्होंने कहा कि हमने फाइल ट्रैकिंग सिस्टम डेवलप किया है यह रांची विश्वविद्यालय में कार्य शैली में बड़े सुधार के संकेत हैं। रांची विवि सबसे पुराना विभाग है और इससे बंट कर कई विश्वविद्यालय बन चुके हैं ऐसे में फाइल ट्रैकिंग सिस्टम का होना आवश्यक था।
कुलपति ने टीआरएल विभाग का विशेष उल्लेख करते हुये कहा कि ट्राइबल एंड रीजनल लैंग्वेज विभाग में अभी नौ भाषाओं की पढाई हो रही है और हम जल्द ही झारखंड की पहाडिया जनजाति की लुप्त हो रही भाषा मालतो के सरंक्षण के लिये इसकी पढाई टीआरएल विभाग में प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसके लिये मालतो भाषा के व्याकरण और उसके अनुवाद पर काम कर रहे हैं। कुलपति ने विभिन्न खेलों और युवा महोत्सवों में रांची विश्वविद्यालय के छात्रों के उल्लेखनीय प्रदर्शन को बताया।साथ ही बताया कि शिक्षकों की कमी से निबटने के लिये हमने पर्याप्त संख्या में कांट्रैक्चुअल एवं गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति की है।आज ही स्थापना दिवस के दिन बीआइटी के साथ हमने एमोयू किया है इससे शोध,फाकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम को गति दी जा सकेगी। 2016 के बाद किताबों की खरीदी नहीं हुई थी, अब हम किताबों की खरीदी भी करने जा रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों एवं विभागों के लिये हमने अथक परिश्रम से प्रोपोजल बना कर एचआरडी को भेजा और एक बड़़ी राशि स्वीकृत कराया है। जल्द ही आप देखेंगे कि विभिन्न विभागों का जीर्णोद्धार प्रारंभ है। उन्होंने इसके लिये सभी कॉलेजों एवं विभागों के नाम भी गिनाये। कुलपति ने कहा कि अब हमारे सभी सेशन भी नियमित हैं।
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि, जल्द ही विश्वविद्यालय में नैक विजिट होने को है। हम आप सभी विभागों, कर्मियों , शिक्षकों से सहयोग मांगते हैं कि अपने विभाग को बिल्कुल हर मायने में चाक चौबंद करें। भवन , लायब्रेरी,लैब, पठन पाठन सब कुछ उत्कृष्ट रखें। हमें नैक से A+ ग्रेड प्राप्त करना है। कुलपति ने कहा कि हमें रांची विश्वविद्यालय को डीयू और बीएचयू के कतार में खड़ा करना है।
मुख्य अतिथि सांसद रांची सह रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने 65वें स्थापना दिवस पर सबों को बधाई देते हुये कहा कि किसी भी संस्थान के लिये 65 वर्ष बहुत लंबा समय होता है। रांची विश्वविद्यज्ञलय झारखंड का सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है और यह गर्व का विषय है कि कोई रांची विश्विद्यालय से पढाई करे। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय को अग्रणी बनाने में प्रयास करने के लिये कुलपति प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैं आज रक्षा राज्य मंत्री हूं , पर आप सबों के लिये एक कार्यकर्ता की भांति उपलब्ध हूं।रांची विश्वविद्यालय और आप सबों के किसी कार्य के लिये सदैव उपलब्ध हूं। उन्होंने विभिन्न स्पद्धाओं में विजेता योग, खेल एवं एनएसएस छात्रों को पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया।
इस स्थापना दिवस समारोह में पीएफए विभाग के छात्रों ने गीत, संगीत , नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी और अंधेर नगरी नाटक के द्वारा सबका मनोरंजन किया। मंच का संचालन डिप्टी डायरेक्टर वोकेशनल डॉ. स्मृति सिंह ने किया।धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव रांची विश्वविद्यालय डॉ. बी नारायण ने किया। इस समारोह में परीक्षा नियंत्रक, सीसीडीसी, डीएसडब्ल्यू, डीआरवन, प्रौक्टर सहित रांची विश्वविद्यालय के सभी वरीय पदाधिकारी ,छात्र, विभिन्न विभागों के हेड, डीन तथा प्राध्यापक उपस्थित रहे।