राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्वर्गीय देवनारायण जी के शांत होने से एक समर्पित प्रचारक जीवन का अस्त हो गया: मोहन मधुकर भागवत
राँची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व॰ देवनारायण सिंह जी की श्रद्धांजली आज संघ कार्यालय निवारणपुर स्थित श्री निकेतन सभागार में श्रद्धांजलि सभा में दी गई।
संघ के स्वयंसेवकों सहित शहर के सैकड़ों गणमान्य लोगों ने दिवंगत स्वर्गीय देवनारायण सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्य सरसंघचालक श्री मोहन मधुकर भागवत ने अपने शोक संदेश में कहा कि- स्वर्गीय देवनारायण जी के शांत होने से एक समर्पित प्रचारक जीवन का अस्त हो गया है। संघ के कार्य को अपने ध्येय रूप बनाने के बाद अंतिम श्वास तक उन्होंने निभाया। संघ में, किसान संघ में, अनुकूल, प्रतिकूल सब प्रकार की परिस्थितियों में निष्ठापूर्वक कार्य को बढ़ाते रहें। वे स्पष्ट वक्ता थे, परंतु मन की आत्मीयता में घोलकर शब्दों का प्रयोग करते थे। दायित्वों से निवृत होने के पश्चात भी उनका जीवन हम सभी के लिए उदाहरण स्वरूप स्नेहाशीष बन गया। उनके निश्छल व्यक्तित्व व समर्पित कृतित्व की पवित्र स्मृति को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। शोक संतप्त संघ सुहृद तथा परिवारजनों को इस वियोग सहन करने का धैर्य प्राप्त हो, तथा दिवंगत जीव उत्तम गति प्राप्त हो यह प्रार्थना।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री आलोक कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने संस्मरण में उनके साथ बिताए क्षणों को याद करते हुए कहा कि 90 वर्ष से अधिक की आयु में भी शाखा में दंडचालन की बारीकियाँ गणशिक्षकों को बताते हुए देखा,मानो अपने भुज़दंड से दंड का प्रहार कर रहे हों, ये उनकी सक्रियता की अतिशयता है, जो अभी के शारीरिक विभाग के लोगो को सीखना चाहिए। जब उनसे पूछता था की संघ के वर्तमान स्वरूप, कार्य को लेकर आप कोई जिज्ञासा नहीं करते, तब परम संतोषी स्वभाव प्रकट करते हुए कहते थे कि, मैंने संघ में अपनी पारी पूरी की अब संघ और योग्य लोगो के हाथो में हैं, आप जो कर रहे हैं सब बढ़िया है। अपितु संघ में व्यक्तिपूजा की परम्परा नहीं हैं फिर भी मैं लेखन में रुचि रखने वालों कहूँगा उनकी जीवनी लिखी जानी चाहिए। संघ में हम मानते हैं कि काम पूर्ण होने तक मोक्ष नहीं मिलता,तो आशा है देवनारायण जी फिर से इस पुण्य धरा पर लौटेंगे अपना शेष कार्य पूर्ण करने को।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक मा॰ देवव्रत पाहन जी ने श्रद्धांजलि देते हुए अपने संस्मरण में कहा देवनारायण जी को अनुशासन प्रिय, कार्यकर्ताओं के साथ आत्मीय लगाव, चिंतन करना, सदव्यवहार एवं कुशल संगठनकर्ता के रूप में हमेशा देखा।
इनके अलावा क्षेत्र, प्रांत के अधिकारी एवम् उनके साथ के रहे प्रचारक, वरिष्ठ स्वयंसेवकों एवं अन्य संगठनों ने भी अपना संस्मरण व्यक्त किया जिसमें बाबाराव आप्टे द्वारा देवनारायण जी के गढ़वा में किए कार्यों की प्रशंसा, अनुशासन प्रियता, समय की प्रतिबद्धता, सत्यम ब्रुयात,प्रियम ब्रुयात को अमल में लाने वाले गुण थे। जिसमे
भारतीय किसान संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, सत्यदेव केसरी (पूर्व प्रचारक एवं संगठन मंत्री, जनसंघ), उमाशंकर जी, अखिलेश्वर मिश्र, सिद्धनाथ सिंह जी, डॉ॰ रश्मि (आरोग्य भारती), जिज्ञासा ओझा, महेंद्र जी, दीपक पांडेय, धनंजय सिंह , स्निग्ध इत्यादि उपस्थित रहे।