आतंकवाद के खिलाफ रातू क्षेत्र के दलादली चौक में विरोध प्रदर्शन!
पाकिस्तान से क्रिकेट के साथ व्यापार सहित अन्य सभी रिश्ते बंद हो –सुनील कुमार सिंह
राँची: जम्मू कश्मीर में धार्मिक यात्रा पर निकले हिन्दू श्रद्धालुओं पर माता वैष्णो देवी कटरा से शिवखोड़ी दर्शन को जाते समय 9 जून को इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान पोषित “लश्कर ए– तैयबा” व “जैश ए– मोहम्मद” समर्थित “TRF” आतंकवादियों ने घात लगाकर शिवखोड़ी के निकट 53 सीटों वाली बस के ऊपर अंधाधुंध गोलीबारी की। जिससे बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरी, जिससे ड्राइवर सहित 10 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई और लगभग 33 पूरी तरह से घायल हो गए।
इससे देशभर में भारी आक्रोश व्याप्त है, जिसे लेकर हिन्दू तीर्थ यात्रियों की हत्या के विरुद्ध 12 जून 2024 को विश्व हिंदू परिषद,बजरंग दल व राष्ट्र सेवा फाउंडेशन द्वारा सम्पूर्ण देशभर में जिला केन्द्रों पर- आतंकवादी हमले में मारे गए हिन्दू तीर्थयात्रियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मौन धारण की गई। इस घटना को लेकर हिंदू सनातनी समाज में काफी आक्रोश है। इसी निमित्त रांची जिले के रातु, रिंग रोड, सिमलिया अंतर्गत दलादली चौक बजरंग बली, दुर्गा मंदिर परिसर में सनातनी हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी की गई तथा मृतात्माओं की शांति के लिए 2 मिनट तक मौन धारण किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्र सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा की जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा आए दिन नापाक रवैया अपनाते हुए आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की हिमाकत किया जाता है, ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एक बार फिर एयर स्ट्राइक कर मुंहतोड़ जवाब दिए जाने की जरूरत है।
श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की रिश्ते को बनाए रखने की जरूरत नहीं है चाहे वो क्रिकेट के रूप में खेल के क्षेत्र हो, व्यापार के क्षेत्र हो या अन्य किसी भी क्षेत्र हो सभी प्रकार के रिश्ते तोड़कर उसे मुंहतोड़ जवाब दिए जाने की जरूरत है। ताकि पाकिस्तान को भारत की तरफ आंख उठाकर भी देखने के पहले हजार बार सोचना पड़े ।
इस विरोध प्रदर्शन में वीएचपी रांची ग्रामीण जिले के महामंत्री लोकनाथ सहदेव जी, एसएन शर्मा जी, शशिभूषण ओझा जी, जनार्दन ओझा जी, उमेश्वर ओझा जी, दुबे जी, अमरनाथ त्रिपाठी जी के साथ काफी संख्या में सनातनी हिंदू मौजूद थे। जिनके द्वारा इस घटना की पुरजोर निंदा की गई। और कड़ा विरोध किया गया। साथ हीं संयुक्त रूप से सबों ने एक स्वर में कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो इसके लिए केंद्र सरकार को पाकिस्तान को सबक सिखाना हीं चाहिए। ताकि मृतात्माओं को शांति के साथ उक्त पीड़ित परिवारों को भी कुछ हद तक सुकून मिल सके।