राँची: फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक अध्यक्ष किशोर मंत्री की अध्यक्षता में आज चैंबर भवन में संपन्न हुई। राज्य में उद्योग-व्यापार के लिए भूमि की आसान उपलब्धता नहीं होने के कारण डेवलपमेंट के कार्य प्रभावित होने की बात पर बैठक में विधिवत चर्चा की गई।
इस बात पर जोर देते हुए कहा गया कि झारखंड के 24 जिलों में लैंड बैंक बनाकर उद्योग व्यापार के लिए 100-100 एकड के भूखंड केवल उद्योगों के लिए उपलब्ध कराया जाय। 5, 10, 20 हजार स्कवॉयर फीट के भूखंड उद्योगों को आवंटित किया जाना बेहतर परिणाम दे सकता है जिससे छोटे-छोटे व्यवसाय, उद्योग एवं गृह उद्योगों को बढ़ावा मिल सकेगा।
चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि राज्य में गैर मजरूआ भूमि का म्यूटेशन रसीद कटने की पूर्व प्रक्रिया को पुनः बहाल करना अति आवश्यक है। ऐसी प्रक्रिया पड़ोसी राज्य बिहार में भी लागू है। व्यापारियों की समस्या को देखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि खासमहल भूमि को जिलावार एक उचित शुल्क लेकर लीज रिन्यूअल किये जाने की प्रक्रिया पर भी विचार जरूरी है। इससे खासमहल भूमि से प्रभावित जिलों का विकास तीव्र गति से संभव होगा।
लैंड रिफॉर्म उप समिति के चेयरमेन रमेश कुमार साहू ने कहा कि झारखंड में सीएनटी एसपीटी एक्ट के रहते हुए भूमि की भारी कमी बनी हुई है। ऐसी परिस्थिति में गैर मजरूआ भूमि को पहले की तरह सुचारू रूप से रसीद काटने की प्रक्रिया को चालू करना चाहिए। इससे राज्य में बहुत सारे रुके हुए विकास कार्यों को गति मिलेगी।
चैंबर महासचिव परेश गट्टानी ने कहा कि वर्ष 2012 से पूर्व गैर मजरूआ भूमि पर जिस प्रकार निबंधन और दाखिल खारिज की व्यवस्था थी, वही व्यवस्था पुनः बहाल करनी चाहिए तथा उसपर निबंधन और दाखिल खारिज की रोक हटानी चाहिए ताकि उस भूमि के एवज में आसानी से बैंक लोगों को लोन दे सकें और उस भूमि पर उद्योग लग सकें। सह सचिव अमित शर्मा ने व्यापार उद्योग लगाने में भूमि से संबंधित आने वाली अड़चनों पर चर्चा की।
बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव अमित शर्मा, उप समिति चेयरमेन रमेश कुमार साहू, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण लोहिया, अधिवक्ता मित्तल कुमार, अधिवक्ता जितेंद्र शाह, कुशवाहा बिजय कुमार, कार्तिक प्रभात, राजीव प्रकाश चौधरी, शिव शंकर महतो उपस्थित थे।