जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों की आवाज उठा रहे थे उस समय वह राज दरभंगा के यश्वसी शासक महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह के नियमित संपर्क में थे । गांधीजी और महाराजाधिराज का नियमित पत्राचार हुआ करता था और महाराज उन्हें प्रचुर आर्थिक सहायता भी पहुँचा रहे थे । दरभंगा महाराज भारत के पहले राजनेता थे जिन्होंने ब्रिटिश सरकार को सार्वजनिक रूप से पत्र लिखकर दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ हो रहे रंगभेद का विरोध किया था ।
आपने महात्मा गाँधी को विरोध का एक बड़ा विन्दु बना दिया है । आपने महात्मा गाँधी का पोलिटिकल रेलिवेंस समाप्त कर दिया है । सिर्फ महात्मा गाँधी ही क्यों? देश के अन्य महान आत्माओं की चर्चा क्यों नहीं होती? महात्मा गांधी ही इस देश के विचारक और समाज सुधारक नहीं थे तो फिर दूसरों को इतनी तरहीज क्यों नहीं दी गयी ? ब्रांड महात्मा को स्थापित करने के लिए आपने दुसरे अन्य त्यागी पुण्यात्माओं का इतिहास बाहर नहीं आने दिया या फिर उनके बारे में झूठी बातें फैलाई । उदाहरणस्वरूप महात्मा गांधी और सावरकर एक दूसरे के प्रशंसक थे मगर आपने सावरकर के साथ क्या किया और क्या कर रहे हैं ? आप तो इतने नीच और निर्लज्ज हैं कि हिंदूवादी विचारधारा वालों को समलैंगिक कह प्रचारित करना शुरू कर दिया । तो अब आप भी नेहरू एडविना प्रकरण झेलिये ।
ऐसे पचास सवाल हैं जिसका उत्तर आपके पास नहीं है । चूंकि आपके पास इन सवालों का जबाब नहीं है इसलिए आप बौद्धिक हिंसा पर उतर आते हैं । गाँधीजी में कई गुण थे जो उन्हें इतिहास का अद्भुत पुरुष बनाता है ।