फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण हैं तंबाकू : कविता खाती
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर रिनपास में डालसा का जागरूकता कार्यक्रम
रांची : माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश-सह-कार्यपालक अध्यक्ष, झालसा माननीय श्री सुजीत नारायण प्रसाद के दिशा-निर्देश तथा माननीय न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष डालसा, रांची, श्री दिवाकर पांडे के मार्गदर्शन में आज दिनांक 31.05.2024 को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के द्वारा डालसा की एक टीम गठित कर रिनपास, कांके में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर एलडीसी अधिवक्ता, कविता कुमारी खाती, शिवानी सिंह, मध्यस्थ, पीएन सिंह, लाईफ सेवर्स एनजीओ के प्रमुख, अतुल गेरा, डॉ. अमूल रंजन, डॉ मशरूल जहां, डॉ. अजय, डॉ. रजनी, विधि के छात्र-छात्राएं, गरिमा पांडे, शांभवी श्रोत्रिया, अंगिका राजश्री, अक्षत परासर, अक्षर आदित्य पीएलवी, मानव कुमार सिंह, राजेंद्र महतो, भारती देवी, शारदा देवी, प्रीति पाल- सम्पा दास, मालती देवी, संगीता देवी अन्य उपस्थित थे।
डालसा, रांची के पैनल अधिवक्ता, कविता खाती ने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व स्तर में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन न करने की दिशा में विश्व को आगे बढ़ाना है।
सम्बोधित करते हुए पीएन सिंह ने तम्बाकू के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला, कहा कि तम्बाकू के सेवन से फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को ही माना जाता है, लिवर कैंसर के कारण भारत में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं, तंबाकू का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, मुंह के कैंसर से भारत में पुरुष के नहीं बल्कि महिलाएं भी जूझ रही हैं।
शिवानी सिंह ने कहा कि तंबाकू का सेवन करने के कारण कई लोगों के मुंह से बोलते वक्त थूक भी निकलने लगता है, तंबाकू का सेवन करने के कारण महिलाओं को कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि नशा के सेवन से पूरा घर-परिवार उजड़ जाता है, नशे के आदि व्यक्ति पागलों की तरह ईधर-उधर घुमता रहता है समाज में उनकी मान-सम्मान की हानि होती है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए कानून बना हुआ है, जिसमें तम्बाकू का सेवन, तम्बाकू का वितरण, तम्बाकू को उपजाना इत्यादि को गैर कानूनी माना गया है। तम्बाकू उगाने पर लोगों को सजा भी हो सकती है। बच्चों के अभिभावकों को संबोधित करते हुए कही कि नशे से बचाने के लिए अभिभावक का महत्वपूर्ण भूमिका होता है।
लाइफ सेवर्स एनजीओ के अतुल गेरा के द्वारा भी नशा उन्मूलन पर प्रकाश डाला गया, उन्होंने नशा से होने वाले प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि नशा न कर मनुष्य स्वस्थ रहता है। नशा शरीर की गुणवत्ता को समाप्त कर देता है। इसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। नशा से परिवार का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक क्षति होता है, जिसका भरपाई कदापी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि नशा के आदि व्यक्ति का पूरा पैसा नशा करने में खर्च होता है, जिसका प्रभाव उसके परिवार पर पड़ता है और परिवार नष्ट हो जाता है। नशे का आदि व्यक्ति पागलों की तरह इधर-उधर घूमता रहता है, जिससे उसका मान-सम्मान भी समाप्त हो जाता है।
डालसा, रांची में इनटर्नशीप कर रहे विधि की छात्रा अंगिका के द्वारा भी तम्बाकू सेवन से होनेवाली परेशानिया/हानियां के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के नित्य सेवन से तनाव रहना, थकान रहना, भूख न लगना, सांस लेने में परेशानी, कैंसर होने का खतरा, गले से जुड़ी समस्या होना, लंबे समय तक खांसी होना, ठीक प्रकार से नींद न आना, कभी-कभी खांसते समय खून आना आदि समस्याएं उत्पन्न होती है।
यह भी ज्ञात हो कि 8 जून को होने वाले मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित विशेष लोक अदालत व 13 जुलाई को होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी लोगों को बताया गया तथा उनके बीच नशा से संबंधित लीफलेट और पम्पलेट का वितरण भी किया गया।
